Mall Shayari in Hindi – मॉल की रौशनी और तन्हाई शायरी
⭐ मॉल शायरी — रौशनी, भीड़ और ख़ामोशियों का सफर
मॉल की दुनिया ही अलग होती है…
यहाँ भीड़ होती है, पर अकेलापन भी छुपा होता है।
यहाँ हँसी की आवाज़ें होती हैं, पर दिल की खामोशियाँ भी साथ चलती हैं।
इसी एहसास को कविता में पिरोकर यह मॉल शायरी आपके लिए—
🌟 मॉल की रौशनी में दिल की तन्हाई
मॉल के अंदर कदम रखते ही,
रौशनी आँखों में उतर आती है,
लेकिन दिल की गहराइयों में
फिर भी कहीं ना कहीं
एक खामोशी ही बस जाती है।
लोगों की भीड़ चलती रहती है,
खरीदारी के शोर गूंजते रहते हैं,
पर मेरा मन ढूंढता रहता है
वो एक चेहरा,
वो एक आवाज़,
जो इन शोर में भी एक सुकून दे सके।
मैंने देखा है —
मॉल की भीड़ में चेहरे तो बहुत मिल जाते हैं,
पर अपनापन कम ही मिलता है।
हज़ारों कदम चलते दिखते हैं,
पर दिल से साथ देने वाला कोई एक
कभी-कभी ही मिलता है।
💛 मॉल के कॉरिडोर में यादों की परछाइयाँ
हर मंज़िल कुछ यादें ले आती है,
हर दुकान कुछ बातों की हल्की परछाई जगा देती है।
कभी हम साथ चले थे इन रास्तों पर,
हाथों में हाथ,
हँसी में हँसी,
और आँखों में सपने लिए हुए।
आज वही रास्ते मुझे
अजनबी लगते हैं—
क्योंकि तुम साथ नहीं।
फूड कोर्ट में बैठकर
एक कप कॉफी गर्म हो सकती है,
पर दिल का खालीपन
अधूरा ही रहता है।
शायद इसलिए कहते हैं—
मॉल में सब कुछ मिलता है,
बस खोया हुआ प्यार नहीं।
💖 मॉल की दुकानों में छुपा एहसास
कपड़ों की दुकान में नई खुशबू,
पर दिल तलाश करे
वो पुरानी मुस्कान।
परफ्यूम की महक कमाल की,
पर तुम्हारी मौजूदगी जितनी मीठी नहीं।
फोन, घड़ियाँ, जूते, स्टाइल—
सब कुछ चमकता है यहाँ,
पर भावना…
भावना अक्सर धूल भरी शेल्फ पर
छुपी रह जाती है।
बिल्डिंग की सजावट शानदार,
लाइटिंग बेहतरीन,
फर्श चमकदार—
लेकिन अगर मन भारी हो
तो ये सारी चकाचौंध
अधूरी सी लगती है।
⭐ मॉल में घूमते हुए
कभी-कभी किसी बच्चे की हँसी
अपने बचपन की याद दिला देती है।
⭐ किसी बुज़ुर्ग दंपति को
हाथ में हाथ डालकर चलते देख
ऐसा लगता है कि
सच्चा साथ अभी भी दुनिया में बाकी है।
⭐ कोई लड़की अकेले घूमती मिले
तो लगता है कि
खुद से प्यार करना भी
एक खूबसूरत आदत है।
⭐ किसी जोड़े को मुस्कुराते देख
दिल में हल्का सा दर्द उठता है—
या शायद कोई पुरानी याद।
मॉल सिर्फ दुकानों का घर नहीं,
यह एहसासों का मेले जैसा होता है—
जहाँ हर कदम पर
कोई न कोई कहानी छुपी मिलती है।
🌺 मॉल की भीड़ में तुम याद आते हो
उस एस्कलेटर पर चढ़ते हुए
आज भी लगता है
तुम साथ हो।
उस कोने वाली बेंच पर
आज भी तुम्हारी हँसी सुनाई देती है।
फूड कोर्ट के उस टेबल पर
आज भी छलकती है
हमारी बातें,
हमारी मुस्कान,
हमारी अधूरी मुलाक़ातें।
तुम नहीं हो,
पर यादें अब भी घूमती रहती हैं
इन्हीं गलियारों में,
इसी मॉल की रौशनी में
चुपचाप,
धीरे-धीरे,
मेरे साथ।
🌟 मॉल: एक शहर के दिल की धड़कन
मॉल सिर्फ एक बिल्डिंग नहीं—
ये शहर की धड़कन है।
यहाँ किसी का अकेलापन छुपा होता है,
किसी की मोहब्बत पलती है,
किसी का सपना सजता है,
किसी की मुलाकातें बनती हैं।
किसी के लिए यह
शॉपिंग की जगह है,
किसी के लिए टाइम पास,
किसी के लिए यादों का बक्सा,
और किसी के लिए
मिलने का बहाना।
शायद इसलिए
मॉल की रौशनी कभी बुझती नहीं—
क्योंकि यहाँ कहानियाँ खत्म नहीं होतीं।
✨ अंतिम पंक्तियाँ — मॉल और मोहब्बत
मॉल की भीड़ में छुपकर
दिल की बातें कहना आसान होता है,
क्योंकि कोई सुनता नहीं,
पर सब समझ लेते हैं।
रौशनी के नीचे
किसी चेहरे पर चमक दिखती है,
पर असली चमक
दिल में छिपी भावनाओं की होती है।
अगर कभी तुम मॉल जाओ—
तो सिर्फ सामान मत खरीदना,
कुछ लम्हे भी खरीद लेना,
कुछ यादें भी सहेज लेना,
और अगर कहीं दिल भारी लगे—
तो एक कॉफी लेकर
खुद के साथ बैठ जाना।
क्योंकि मॉल
सिर्फ जगह नहीं…
एक एहसास है—
जो दिल को
थोड़ा भर देता है,
थोड़ा हल्का भी।

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