Chhath Puja - छठ पूजा की कहानी ,आस्था और सूर्य उपासना की सच्ची गाथा
🌞 कहानी का नाम: “छठ मइया की सच्ची श्रद्धा” 🌼 कहानी: बिहार के एक छोटे से गाँव में सीमा नाम की एक माँ रहती थी। उसका बेटा बीमार रहता था, डॉक्टरों ने बहुत इलाज किया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। एक दिन किसी ने सीमा से कहा — “छठ मइया से सच्चे मन से मन्नत माँगो, वो जरूर सुनेंगी।” सीमा ने निश्चय किया कि इस बार वो पूरी श्रद्धा से छठ व्रत करेगी। उसने चार दिनों तक निर्जल व्रत रखा, पहले दिन नहाए-खाए का नियम निभाया, दूसरे दिन खरना में गुड़-चावल बनाकर अर्घ्य दिया, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य दिया और सूर्यास्त के बाद भी पूजा करती रही। सूरज ढलते ही उसने घाट पर खड़ी होकर कहा — “छठ मइया, मेरे बच्चे की रक्षा करना, बस यही मेरी विनती है…” अगली सुबह जब उसने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया, तो उसका बेटा आँखें खोलकर मुस्कुराने लगा। सीमा की आँखों से आँसू बह निकले — वो आँसू आस्था, कृतज्ञता और माँ की जीत के थे। 🕊️ संदेश: छठ सिर्फ पूजा नहीं, माँ और मइया के बीच एक वचन है — “जब तक सूरज उगता रहेगा, श्रद्धा कभी नहीं थमेगी।” 🌅 🌸 कहानी का नाम: “छठ मइया की परीक्षा” 🌼 कहानी: पटना के किनारे ...