Jay Vishwakarma dev ki Jay
श्री विश्वकर्मा देव Jay Vishwakarma dev ki Jay हम अपने प्राचीन ग्रंथो उपनिषद एवं पुराण आदि का अवलोकन करें तो पायेगें कि आदि काल से ही विश्वकर्मा शिल्पी अपने विशिष्ट ज्ञान एवं विज्ञान के कारण ही न मात्र मानवों अपितु गंधर्व द्वारा भी पूजित और वंदित है। भगवान विश्वकर्मा के निर्माण कार्यों के सन्दर्भ में इन्द्रपुरी , यमपुरी , वरुणपुरी , कुबेरपुरी , पाण्डवपुरी , सुदामापुरी , शिवमण्डलपुरी आदि का निर्माण इनके द्वारा किया गया है। पुष्पक विमान का निर्माण तथा सभी देवों के भवन और उनके दैनिक उपयोगी होनेवाले वस्तुएं भी इनके द्वारा ही बनाया गया है। कर्ण का कुण्डल , दिव्य रथों और द्वारिकापुरी के भवनों का निर्माण विश्वकर्मा देव ने ही किया है। विश्वकर्मा देव जी को अन्य देवताओं की तरह ब्रम्हाजी ने उत्पन किया और उन्हे देवलोक और पृथ्वी लोक में भवन निर्माण हेतु नियुक्त किया। वह देवराज इंद्र की सभा में बैठते हैं। हमारे धर्मशास्त्रो और ग्रथों में विश्वकर्मा के पाँच...