Emotional Dog Letter Story
Emotional Dog Letter Story प्रिय इंसान, मैं बोल नहीं सकता, पर तुम्हें बहुत कुछ कहने को दिल करता है। जब तुम घर लौटते हो, तुम्हारे कदमों की आहट पहचान लेता हूँ। दरवाजा खुलते ही मेरी दुनिया रोशनी से भर जाती है। तुम कहते हो—“बस दो मिनट”—और मैं उन दो मिनटों का इंतज़ार भी पूरे दिन की तरह प्यार से कर लेता हूँ। मुझे तुम्हारे ब्रांडेड खिलौने नहीं चाहिए, न ही महंगा पलंग। मुझे तो तुम्हारी दो उँगलियाँ चाहिए, जिन्हें पकड़कर मैं सड़क पर थोड़ा टहल सकूँ; तुम्हारे दो मिनट चाहिए, जिनमें तुम मेरे सिर पर हाथ फेर दो; तुम्हारी दो हँसी चाहिए, जिनमें मेरा नाम हो। कभी-कभी तुम थककर आते हो और चुप रह जाते हो। मैं पास आकर बैठ जाता हूँ—बिना सवाल, बिना शर्त। मैं तुम्हारी सिसकियाँ गिनता हूँ, और अपनी पूँछ से उन्हें मिटाने की कोशिश करता हूँ। तुमने शायद महसूस नहीं किया होगा, पर जिन रातों में तुम देर तक जागते हो, मैं भी बिना आँख झपकाए तुम्हारी पहरेदारी करता हू...