Shayari , Kabhi Kabhi Dil Me - कभी-कभी दिल में
कभी-कभी दिल में एक सिसक उठती है — बिना वज़ह के, बिना आवाज़ के। निगाहें ढूँढती हैं उस चेहरे को, जिसे पाना अब तक मेरे लिए एक ख्वाब सा है। तुम्हारी हँसी मेरी सुबह का सवेरा है — और मैं उसे महसूस करता हूँ। तुम्हारे बिना मेरी दुनिया अधूरी सी लगती है। तेरी यादों के बिना रातें सुनसान हैं। यहाँ पूरा पढ़े और क्लिक करे हर साँस में तेरा नाम बसता है। मेरे दिल की धड़कन में तेरा अहसास रहता है। तुम्हारे जिक्र से मेरी आँखों में चमक आ जाती है। तेरी मुस्कान से मेरा हर ग़म मिट जाता है। तुम्हारी आवाज़ दिल को सुकून देती है। टूटा हुआ कल फिर से नहीं जुड़ता। तन्हाई में तेरी कमी सताती है। आँखों में अश्रु और दिल में खालीपन है। विरह की आग दिल को भिगो देती है। कभी-कभी दर्द भी गीत बन जाता है। यादें जख्मों की तरह दिल में धड़कती हैं। यहाँ पूरा पढ़े और क्लिक करे दोस्ती की मिठास कभी फीकी नहीं पड़ती — और मैं इसे शब्दों में पिरोता हूँ। दोस्त साथ हों तो सफर आसान लगता है। यारों के संग हँसी की गूँज रहती है। दोस्ती में मिलती है असली आज़ादी। सच्चे दोस्त दर्द बाँटते हैं और खुशी बढ़ाते हैं। ज़िन...