Diwali Festival
भाग - 1
🌟 दीपावली का परिचय
दीपावली, जिसे "दिवाली" भी कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा और प्रमुख त्यौहार है। इसे रोशनी का पर्व (Festival of Lights) कहा जाता है। यह त्यौहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत बड़ा है।
इस दिन लोग घर-आँगन को दीपों, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। मिठाई और उपहार बाँटे जाते हैं और पूरा वातावरण हर्षोल्लास से भर जाता है।
📜 दीपावली का इतिहास और पौराणिक कथाएँ
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भगवान श्रीराम का अयोध्या आगमन
रामायण के अनुसार, जब भगवान श्रीराम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूरा कर रावण का वध करके अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। तभी से दीपावली मनाने की परंपरा चली आ रही है। -
मां लक्ष्मी का प्रकट होना
समुद्र मंथन के समय देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं। इसलिए इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। -
भगवान कृष्ण और नरकासुर वध
एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने इस दिन नरकासुर राक्षस का वध किया और 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया। इसे भी दीपावली से जोड़कर देखा जाता है।
🙏 दीपावली का धार्मिक महत्व
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दीपावली का पर्व अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
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इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
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व्यापारियों के लिए यह दिन नया वित्तीय वर्ष शुरू करने का शुभ अवसर होता है।
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यह पर्व घर-परिवार में सौभाग्य, शांति और समृद्धि का संदेश देता है।
🪔 दीपावली पूजा विधि
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सुबह स्नान करके घर को साफ-सुथरा करें।
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शाम को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
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पूजा में कलश, दीपक, धूप, फल, फूल, मिठाई और पंचमेवा का उपयोग करें।
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लक्ष्मी पूजन में 11 या 21 दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
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पूजा के बाद घर-आँगन, मंदिर और गली-मोहल्ले में दीपक जलाएँ।
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प्रसाद को परिवार और पड़ोसियों में बाँटें।
🎉 दीपावली कैसे मनाई जाती है?
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दीपावली से पहले धनतेरस, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाए जाते हैं।
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घरों को रंगोली, तोरण और दीयों से सजाया जाता है।
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लोग नए कपड़े पहनते हैं और परिवार व मित्रों के साथ मिलकर मिठाई और उपहार का आदान-प्रदान करते हैं।
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बच्चे पटाखे जलाते हैं और परिवार एक साथ उत्सव का आनंद लेता है।
🌍 भारत और विदेशों में दीपावली
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भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड, फिजी, मॉरीशस और अन्य देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय भी धूमधाम से दीपावली मनाते हैं।
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विदेशों में इसे Indian Festival of Lights के नाम से जाना जाता है और यह भारतीय संस्कृति की पहचान बन चुकी है।
🌺 दीपावली पर घर सजाने के उपाय
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घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएँ और दीयों की कतार सजाएँ।
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लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति के पास शंख, घंटी और कलश रखें।
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घर को प्राकृतिक फूलों और इलेक्ट्रिक लाइट्स से सजाएँ।
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मुख्य द्वार पर स्वस्तिक या ओम का चिन्ह बनाएँ।
💡 दीपावली से मिलने वाली सीख
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सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है।
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अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, एक दीपक से दूर किया जा सकता है।
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समाज में प्रेम, भाईचारा और सहयोग ही सच्ची समृद्धि है।
✅ निष्कर्ष
दीपावली केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि खुशियों, एकता और प्रकाश का उत्सव है। यह त्योहार हमें यह संदेश देता है कि अच्छाई और सत्य की विजय निश्चित है। आइए इस दिवाली हम सब मिलकर अपने जीवन से अज्ञान और नकारात्मकता को दूर करें और दीपों की तरह उजाला फैलाएँ।
प्रस्तावना
भारत त्योहारों की भूमि है। यहाँ हर मौसम, हर परंपरा और हर संस्कृति को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इन्हीं त्योहारों में सबसे बड़ा और लोकप्रिय पर्व है — दीपावली। दीपावली केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है बल्कि यह अंधकार से प्रकाश, अज्ञान से ज्ञान और बुराई से अच्छाई की ओर जाने का प्रतीक है। इस पर्व से जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएँ, दंतकथाएँ और ऐतिहासिक प्रसंग हैं, जिन्होंने इसे अद्वितीय बना दिया है।
1. दीपावली का शाब्दिक और सांस्कृतिक अर्थ
"दीपावली" शब्द संस्कृत के दो शब्दों दीप + आवली से बना है।
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दीप = दिया (प्रकाश)
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आवली = पंक्ति
अर्थात् दीपावली का शाब्दिक अर्थ है दीयों की पंक्ति।
इस त्योहार में घर-आँगन में दीपों की कतार सजाई जाती है और पूरा वातावरण रोशनी से जगमगा उठता है।
2. रामायण से जुड़ी कथा – भगवान श्रीराम का अयोध्या आगमन
सबसे प्रसिद्ध कथा रामायण से जुड़ी है।
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रावण वध के बाद जब भगवान श्रीराम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
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14 वर्ष का वनवास और रावण जैसे राक्षस का अंत, यह संदेश देता है कि सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है।
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तभी से हर वर्ष इस दिन दीपावली मनाने की परंपरा शुरू हुई।
3. लक्ष्मी जी के प्रकट होने की कथा (समुद्र मंथन)
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पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय अनेक रत्न और वस्तुएँ प्रकट हुईं।
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इन्हीं में से एक थीं मां लक्ष्मी – धन, सौंदर्य और समृद्धि की देवी।
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कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी समुद्र से प्रकट हुईं और भगवान विष्णु को पति रूप में चुना।
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तभी से इस दिन लक्ष्मी पूजा करने की परंपरा है, ताकि घर में धन-धान्य और सुख-समृद्धि बनी रहे।
4. भगवान कृष्ण और नरकासुर वध
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एक अन्य कथा के अनुसार, नरकासुर नामक राक्षस ने 16,000 कन्याओं को बंदी बना लिया था।
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भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर कन्याओं को मुक्त कराया।
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इस विजय को "नरक चतुर्दशी" के रूप में मनाया जाता है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है।
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यह कथा बताती है कि अन्याय और अत्याचार का अंत निश्चित है।
5. राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक
इतिहासकारों के अनुसार, कई जगहों पर दीपावली का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन उज्जैन के महान राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक हुआ था।
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उनके शासनकाल को सुवर्ण युग कहा जाता है।
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इसलिए इस दिन को नए कार्य और नए संकल्प की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है।
6. महावीर स्वामी का निर्वाण (जैन परंपरा)
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जैन धर्म में दीपावली का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान महावीर स्वामी ने पावापुरी (बिहार) में निर्वाण प्राप्त किया था।
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जैन अनुयायी दीप जलाकर महावीर की शिक्षाओं को याद करते हैं।
7. सिख परंपरा और दीपावली
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सिख धर्म में दीपावली को "बंदी छोड़ दिवस" कहा जाता है।
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इस दिन गुरु हरगोबिंद जी को ग्वालियर किले से रिहाई मिली थी और उनके साथ 52 राजाओं को भी मुक्ति मिली।
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अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में दीपावली पर विशेष उत्सव आयोजित किया जाता है।
8. बौद्ध परंपरा
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नेपाल के बौद्ध समुदाय दीपावली को धर्म की विजय और प्रकाश का पर्व मानकर मनाते हैं।
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यहाँ दीप जलाने को अज्ञान दूर करने का प्रतीक माना जाता है।
9. व्यापार और नया साल
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दीपावली के अवसर पर व्यापारी अपने पुराने खातों को बंद करके नया हिसाब-किताब शुरू करते हैं।
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गुजरात और राजस्थान में इस दिन को नया साल माना जाता है।
10. दीपावली से जुड़ी लोक कथाएँ
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कुबेर पूजा: माना जाता है कि लक्ष्मी पूजन के साथ कुबेर देव की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है।
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यम दीपदान: कार्तिक अमावस्या की रात को घर के बाहर दीप रखने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
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काली पूजा: बंगाल और असम में इस दिन मां काली की पूजा का विशेष महत्व है।
11. सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व
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दीपावली का पर्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक महत्व भी रखता है।
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लोग आपसी विवाद भुलाकर गले मिलते हैं।
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गरीब और ज़रूरतमंदों को दान दिया जाता है।
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यह पर्व हमें प्रेम, भाईचारा और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश देता है।
12. दीपावली की आधुनिक परंपराएँ
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पहले लोग केवल मिट्टी के दीयों से घर सजाते थे, अब LED लाइट्स, मोमबत्तियाँ और इलेक्ट्रिक सजावट का चलन है।
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ऑनलाइन शॉपिंग, गिफ्ट कार्ड और डिजिटल शुभकामनाएँ अब त्योहार का हिस्सा बन चुकी हैं।
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हालांकि, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आजकल पटाखों की बजाय पर्यावरण-मैत्री दिवाली मनाने की सलाह दी जाती है।
13. दीपावली से मिलने वाली सीख
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सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है।
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अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, एक दीपक से मिटाया जा सकता है।
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धन का सही उपयोग तभी है जब वह समाज के कल्याण में लगे।
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असली खुशी बाँटने से बढ़ती है।
निष्कर्ष
दीपावली का इतिहास केवल एक घटना तक सीमित नहीं है।
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यह रामायण, महाभारत, पुराण, जैन धर्म, सिख धर्म और लोक परंपराओं से जुड़ा हुआ है।
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हर कथा का एक ही संदेश है — बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा।
दीपावली हमें याद दिलाती है कि चाहे समय कितना भी कठिन क्यों न हो, सत्य और उजाला अंत में विजयी होता है। इसलिए यह पर्व हर भारतीय के जीवन में नई आशा, नई ऊर्जा और नई रोशनी लेकर आता है।

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