Shayari Kartikeya in Hindi
✨ भगवान कार्तिकेय जी भक्ति शायरी
🔹 भाग 1 (1–10)
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ओम कार्तिकेय देव, संकट हरो हमारे।
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तुम्हारे नाम से मिटें सब दुख-दर्द सारे।
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भक्ति में तेरा नाम जीवन पथ दिखाए।
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अंधकार हटे, सच्ची रोशनी आए।
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हे देवसेनापति, विजय के दाता।
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भक्तों के जीवन में भर दो सफलता।
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कार्तिकेय महाराज, ज्ञान के सागर।
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तुम्हारी कृपा से मिले हर मंज़र।
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जीवन के दुखों को तुम हर लेते हो।
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भक्तों के दिल में शक्ति भर देते हो।
ओम कार्तिकेय देव, संकट हरो हमारे।
तुम्हारे नाम से मिटें सब दुख-दर्द सारे।
भक्ति में तेरा नाम जीवन पथ दिखाए।
अंधकार हटे, सच्ची रोशनी आए।
हे देवसेनापति, विजय के दाता।
भक्तों के जीवन में भर दो सफलता।
कार्तिकेय महाराज, ज्ञान के सागर।
तुम्हारी कृपा से मिले हर मंज़र।
जीवन के दुखों को तुम हर लेते हो।
भक्तों के दिल में शक्ति भर देते हो।
🔹 भाग 2 (11–20)
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छह मुख वाले देव, रक्षा करो हमारी।
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भक्ति से खिलती है जीवन की क्यारी।
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तेरे चरणों में मिलती है शांति।
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भक्त गाते हैं तेरा नाम अनन्ती।
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संकट से निकालो हे देवसुत प्यारे।
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कृपा करो हम पर हर पल तुम्हारे।
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कार्तिकेय जी, शक्ति के स्रोत।
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भक्तों को मिलती है कृपा की जोत।
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आओ मिलकर सब गाएं तेरी महिमा।
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भक्ति में डूबे, मिले अमरिमा।
छह मुख वाले देव, रक्षा करो हमारी।
भक्ति से खिलती है जीवन की क्यारी।
तेरे चरणों में मिलती है शांति।
भक्त गाते हैं तेरा नाम अनन्ती।
संकट से निकालो हे देवसुत प्यारे।
कृपा करो हम पर हर पल तुम्हारे।
कार्तिकेय जी, शक्ति के स्रोत।
भक्तों को मिलती है कृपा की जोत।
आओ मिलकर सब गाएं तेरी महिमा।
भक्ति में डूबे, मिले अमरिमा।
🔹 भाग 3 (21–30)
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हे देवसेना के अधिपति महान।
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भक्तों के दुख हर लो भगवान।
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कार्तिकेय जी का नाम मधुर।
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जीवन के हर दुख का है सुरूर।
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तुम्हारी भक्ति से सब संकट कटे।
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सुख-शांति के द्वार हर दिल में जगे।
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शक्ति और साहस के हो तुम देव।
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तुम्हारे नाम से बनते जीवन मेले।
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भक्ति का दीप जलाए हर कोई।
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कार्तिकेय जी में समाए सब सोई।
हे देवसेना के अधिपति महान।
भक्तों के दुख हर लो भगवान।
कार्तिकेय जी का नाम मधुर।
जीवन के हर दुख का है सुरूर।
तुम्हारी भक्ति से सब संकट कटे।
सुख-शांति के द्वार हर दिल में जगे।
शक्ति और साहस के हो तुम देव।
तुम्हारे नाम से बनते जीवन मेले।
भक्ति का दीप जलाए हर कोई।
कार्तिकेय जी में समाए सब सोई।
🔹 भाग 4 (31–40)
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छह मुख वाले वीर, करो रक्षा हमारी।
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भक्तों पर बरसाओ कृपा भारी।
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जीवन के हर पथ पर साथ निभाओ।
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अपने चरणों से आशीष दिलाओ।
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हे कार्तिकेय, ज्ञान के दाता।
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भक्तों को हर दो हर विपदा।
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विजय पताका सदा तुम्हारे साथ।
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भक्तों के दिल में भरो विश्वास।
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संकट से उबारो हर बार।
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भक्तों को दो सुख अपार।
छह मुख वाले वीर, करो रक्षा हमारी।
भक्तों पर बरसाओ कृपा भारी।
जीवन के हर पथ पर साथ निभाओ।
अपने चरणों से आशीष दिलाओ।
हे कार्तिकेय, ज्ञान के दाता।
भक्तों को हर दो हर विपदा।
विजय पताका सदा तुम्हारे साथ।
भक्तों के दिल में भरो विश्वास।
संकट से उबारो हर बार।
भक्तों को दो सुख अपार।
🔹 भाग 5 (41–50)
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हे देवसुत, शक्ति का रूप।
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भक्तों में भरो साहस का धूप।
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कार्तिकेय जी, तुम्हारी महिमा गहरी।
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तुम्हारे चरणों में भक्ति ठहरी।
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तेरे नाम से मिटे भय सारे।
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जीवन में खिलें सुख-द्वारे।
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भक्तों का तुम करते कल्याण।
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कार्तिकेय जी, तुम्हारा गान।
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जीवन के हर दुख मिटते हैं।
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भक्ति से दिल सब खिलते हैं।
हे देवसुत, शक्ति का रूप।
भक्तों में भरो साहस का धूप।
कार्तिकेय जी, तुम्हारी महिमा गहरी।
तुम्हारे चरणों में भक्ति ठहरी।
तेरे नाम से मिटे भय सारे।
जीवन में खिलें सुख-द्वारे।
भक्तों का तुम करते कल्याण।
कार्तिकेय जी, तुम्हारा गान।
जीवन के हर दुख मिटते हैं।
भक्ति से दिल सब खिलते हैं।
🔹 भाग 6 (51–60)
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हे देवसेनापति, रक्षा करो हमारी।
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भक्तों पर कृपा बरसाओ प्यारी।
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कार्तिकेय जी का नाम अमर।
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भक्ति में मिलती है शांति प्रखर।
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संकट से निकालो हर पल।
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भक्तों का जीवन करो सफल।
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हे कार्तिकेय, वीरों के देव।
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भक्तों को दो साहस से मेव।
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जीवन का हर दुख मिटे तुम्हारे नाम।
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कार्तिकेय जी से बढ़े हर काम।
हे देवसेनापति, रक्षा करो हमारी।
भक्तों पर कृपा बरसाओ प्यारी।
कार्तिकेय जी का नाम अमर।
भक्ति में मिलती है शांति प्रखर।
संकट से निकालो हर पल।
भक्तों का जीवन करो सफल।
हे कार्तिकेय, वीरों के देव।
भक्तों को दो साहस से मेव।
जीवन का हर दुख मिटे तुम्हारे नाम।
कार्तिकेय जी से बढ़े हर काम।
🔹 भाग 7 (61–70)
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ओम कार्तिकेय, शक्ति के स्वामी।
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भक्तों के दुख हर लो अनजानी।
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विजय दिलाओ हर भक्त को।
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संकट हर लो हर क्षण को।
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कार्तिकेय जी, भक्तों का सहारा।
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जीवन में देते सुख अपारा।
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भक्त गाते हैं तेरी वंदना।
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पाते हैं तुझसे सच्चा खजाना।
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तेरी भक्ति से जीवन सँवरे।
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कार्तिकेय जी कृपा से दुख टले।
ओम कार्तिकेय, शक्ति के स्वामी।
भक्तों के दुख हर लो अनजानी।
विजय दिलाओ हर भक्त को।
संकट हर लो हर क्षण को।
कार्तिकेय जी, भक्तों का सहारा।
जीवन में देते सुख अपारा।
भक्त गाते हैं तेरी वंदना।
पाते हैं तुझसे सच्चा खजाना।
तेरी भक्ति से जीवन सँवरे।
कार्तिकेय जी कृपा से दुख टले।
🔹 भाग 8 (71–80)
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छह मुख वाले देव, आशीष दो।
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भक्तों पर अपनी कृपा बरसाओ।
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संकट से हर पल निकालो।
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जीवन में सुख-शांति दिलाओ।
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कार्तिकेय जी, तुम वीर महान।
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भक्तों को देते सच्चा सम्मान।
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तेरे चरणों में है सुख सारा।
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भक्तों का तुम ही हो सहारा।
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हे देवसुत, शक्ति के दाता।
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भक्तों के जीवन में भरो सफलता।
छह मुख वाले देव, आशीष दो।
भक्तों पर अपनी कृपा बरसाओ।
संकट से हर पल निकालो।
जीवन में सुख-शांति दिलाओ।
कार्तिकेय जी, तुम वीर महान।
भक्तों को देते सच्चा सम्मान।
तेरे चरणों में है सुख सारा।
भक्तों का तुम ही हो सहारा।
हे देवसुत, शक्ति के दाता।
भक्तों के जीवन में भरो सफलता।
🔹 भाग 9 (81–90)
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ओम कार्तिकेय, संकट हर लो।
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भक्तों पर आशीष बरसाओ।
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जीवन के हर पथ पर साथ रहो।
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भक्तों को कृपा का दीप दो।
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कार्तिकेय जी, कृपा अपार।
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भक्तों को दो सुख अपार।
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भक्ति में मिलती है शक्ति गहन।
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भक्तों का जीवन होता पावन।
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ओम कार्तिकेय, ज्ञान के सागर।
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भक्तों को दो सुख का आँगर।
ओम कार्तिकेय, संकट हर लो।
भक्तों पर आशीष बरसाओ।
जीवन के हर पथ पर साथ रहो।
भक्तों को कृपा का दीप दो।
कार्तिकेय जी, कृपा अपार।
भक्तों को दो सुख अपार।
भक्ति में मिलती है शक्ति गहन।
भक्तों का जीवन होता पावन।
ओम कार्तिकेय, ज्ञान के सागर।
भक्तों को दो सुख का आँगर।
🔹 भाग 10 (91–100)
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छह मुख वाले वीर, कृपा करो।
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भक्तों का हर दुख हर लो।
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कार्तिकेय जी, नाम तुम्हारा महान।
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भक्तों का करो हर पल कल्याण।
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तेरी भक्ति से दुख सब कटे।
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जीवन में सुख-द्वार खुले।
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कार्तिकेय जी, शक्ति के स्वामी।
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भक्तों का जीवन करो सुखदामी।
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ओम कार्तिकेय, कृपा बरसाओ।
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भक्तों को अपने चरणों से लगाओ।
Post By - The Shayari World Official
छह मुख वाले वीर, कृपा करो।
भक्तों का हर दुख हर लो।
कार्तिकेय जी, नाम तुम्हारा महान।
भक्तों का करो हर पल कल्याण।
तेरी भक्ति से दुख सब कटे।
जीवन में सुख-द्वार खुले।
कार्तिकेय जी, शक्ति के स्वामी।
भक्तों का जीवन करो सुखदामी।
ओम कार्तिकेय, कृपा बरसाओ।
भक्तों को अपने चरणों से लगाओ।


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