चाचा के लिए शायरी – | Chacha Ji Shayari in Hindi

                           { चाचाकेलिएशायरी }

 

चाचाजीकेलिए  बेहतरीनशायरी :___________________

प्यार, सम्मानऔरअपनापनसेभरेअनमोलशब्द।हरमौकेपरकामआनेवालीखासशायरीकासंग्रह।

 

 

  1. घर की चौखट पर जो ठहराव है,
    वो चाचा जी के होने का असरदार साया है।
  2. जब भी हिम्मत डोले, हाथ थाम लेते हैं,
    चाचा जी दिल से हमारे हम-राह बन जाते हैं।
  3. हँसी की फेरियों में जो सबसे आगे चले,
    वो मेरे चाचा, जो ग़मों को हंसी में ढले।
  4. सादगी में शान, बातों में मिठास,
    चाचा जी से मिलता है अपनापन ख़ास।
  5. रिश्तों की किताब में सबसे प्यारा पन्ना,
    मेरे चाचा, मेरा गर्व, मेरा अपना।
  6. गलतियों पर समझाएँ, सपनों को उड़ान दें,
    चाचा जी हमें जीना सिखा दें।
  7. छोटा सा दुःख भी पढ़ लेते हैं आँखों से,
    चाचा जी को खबर रहती है धड़कनों से।
  8. बचपन से आज तक एक ही सहारा,
    चाचा जैसा कोई कहाँ हमारा।
  9. मेहनत की राह बताकर उम्मीद जगाते हैं,
    चाचा जी अपनेपन से जीतना सिखाते हैं।
  10. जब दुनिया से थक जाऊँ, गले लगा लेते हैं,
    मेरे चाचा हर दर्द को हवा बना देते हैं।
  11. जन्मदिन हो या कोई नई जीत की बात,
    चाचा जी सबसे पहले करते हैं दुआओं की बरसात।
  12. घर के आँगन में खुशियों की छाँव रखते हैं,
    मेरे चाचा हर पल अपनों का मान रखते हैं।
  13. हौंसले का दीपक, सीखों की लौ,
    चाचा जी से मिलता है जीने का संजो।
  14. मेरे हर कामयाबी के पीछे जो दुआ है,
    वो चाचा जी की मासूम सी छुआ है।
  15. जैसे बादल से बरसे ठंडी सी फुहार,
    वैसे चाचा जी का स्नेह करता है प्यार।
  16. रोज़ नई राहों का हौसला दे जाते हैं,
    चाचा जी मुश्किलें आसान कर जाते हैं।
  17. जो नहीं कहते, वो भी समझ जाते हैं,
    मेरे चाचा दिल के अरमान पढ़ जाते हैं।
  18. कंधे पर रख कर हाथ, यूँ ही नहीं चलाते,
    चाचा जी दिशा दिखाकर मंज़िल दिलाते।
  19. जब हार मानूँ, वो जीत याद दिलाते,
    चाचा जी उम्मीदों के पंख बनाते।
  20. थोड़ी शरारत, थोड़ी समझदारी का संगम,
    मेरे चाचा हैं घर का सबसे प्यारा आलम।
  21. हर मीठी डाँट में छिपा होता है प्यार,
    चाचा जी दिल से ही करते हैं उपकार।
  22. चाय की चुस्कियों में किस्से हज़ार,
    चाचा के संग बचपन भी हो जाए तैयार।
  23. मेरे ख्वाबों के पहरेदार बने रहते हैं,
    चाचा जी हर वक्त साथ खड़े रहते हैं।
  24. हँसते हुए कहते हैं, गिरकर उठना सीखो,
    मेरे चाचा हर मुश्किल से लड़ना सीखो।
  25. सफर में जब भी धुंध छा जाती है,
    चाचा की आवाज़ राह दिखा जाती है।
  26. रिश्तों की परिभाषा, अपनत्व की मिसाल,
    मेरे चाचा हैं प्यार का कमाल।
  27. जो बात पिता से भी कह पाऊँ कभी,
    चाचा से कह दूँ, हल हो जाए सभी।
  28. मेरे हर त्यौहार का असली उजाला,
    चाचा के चेहरे की मुस्कान निराला।
  29. दुनिया की भीड़ में जो अपना लगे,
    मेरे चाचा ही तो दिल से अपने लगे।
  30. सहनशीलता, सरलता, स्नेह का दरिया,
    चाचा जी जैसा और कौन सा परिया।
  31. उनकी सीखों में मिलती है रोशनी,
    चाचा के होने से मिटती है तन्हाई।
  32. पैरों में जब थकावट भारी होती है,
    चाचा की बातें नई चिंगारी होती है।
  33. रूठे सपनों को मनाना जिन्हें आता है,
    चाचा के पास हर जादू छुपा रहता है।
  34. मतलब की दुनिया में बे-मतलब का प्यार,
    मेरे चाचा का यही तो है उपहार।
  35. कामयाबी से पहले धैर्य का पाठ,
    चाचा समझाएँ तो बैठ जाता है बात।
  36. संकट में सहारा, खुशियों में साथी,
    मेरे चाचा हैं सबसे प्यारी थाती।
  37. जब भी गिरा, हाथ उन्होंने बढ़ाया,
    चाचा के साये ने हर जख्म सहलाया।
  38. कभी गुरु बनकर, कभी दोस्त बनकर,
    चाचा जी रहते हैं मन के पास रहकर।
  39. उनकी दुआ से होती है हर शुरुआत,
    चाचा के नाम है मेरी हर कामयाब बात।
  40. मुस्कान उनकी जैसे सुबह की किरण,
    चाचा के बिना सूनी लगे हर धरण।
  41. बचपन की गलियों का सबसे मीठा नाम,
    मेरे चाचा, मेरे दिल का आराम।
  42. तुम्हारी हँसी में है घर की रौनक सारी,
    चाचा, आपसे ही है हमारी खुशहाली।
  43. सीख देते हैं कि हार से डरो नहीं,
    चाचा कहते हैं, ‘रुको नहीं, थको नहीं।’
  44. मेरी मुश्किलें जब पहाड़ सी लगें,
    चाचा की बातें मुझे परवाज़ दें।
  45. सादे शब्दों में बड़ी समझ दे जाएँ,
    चाचा हर मोड़ पर राह समझाए।
  46. हर रिश्ते में रहता है उनका समर्पण,
    मेरे चाचा हैं स्नेह का अद्भुत दर्पण।
  47. जब आँसू थमते नहीं, वो हँसा जाते हैं,
    चाचा मेरे दिल को झट सजा जाते हैं।
  48. पिता-सा अनुशासन, दोस्त-सा साथ,
    चाचा हैं जीवन का सुंदर सा पाथ।
  49. जिनके होने से घर बनता है घर,
    मेरे चाचा से ही है दिल का नगर।
  50. तन्हा पलों में भरोसा बनके आए,
    चाचा के शब्द नई उम्मीद जगाए।
  51. रिश्तों की डोर वो संभाले रखें,
    चacha के साये में हम निडर रहें।
  52. मेरे सपनों की रखवाली जो करते,
    चाचा हर दर्द से हमें दूर कर देते।
  53. जब भी मन हारे, वो मनोबल बढ़ाते,
    चाचा कदम-कदम पर साथ निभाते।
  54. उनके आशीष से खिलती है बहार,
    चाचा की दुआओं में है खूब प्यार।
  55. खुशियों का पिटारा, अपनत्व की खान,
    चाचा हैं हमारे जीवन की शान।
  56. कभी नाराज़ हों तो मनाना भी सिखाएँ,
    चाचा रिश्तों को दिल से निभाएँ।
  57. मेरे हर नए सफ़र के पहले क़दम,
    चाचा देते हैं हिम्मत का मरहम।
  58. उनकी हँसी में जादू, बातों में नूर,
    चाचा के साथ हर पल लगें भरपूर।
  59. सच कहना और सच पर टिक जाना,
    चाचा ने सिखाया है यूँ मुस्कराना।
  60. हर मोड़ पर जो दिखाएँ सही रास्ता,
    चाचा हैं मेरे जीवन का नक़्शा।
  61. बचपन के खेल हों या बड़ी चुनौती,
    चाचा के संग जीत बने पहचान होती।
  62. थक जाए दुनिया, पर वो नहीं थकते,
    चाचा हर पल हमें हिम्मत ही देते।
  63. दिल के कितने पास, फिर भी कितने सरल,
    मेरे चाचा हैं जैसे निर्मल जल।
  64. हौसले की चाबी, सपनों की रफ़्तार,
    चाचा के संग मिलता है बेख़ौफ प्यार।
  65. जब भी मन उलझे, वो सुलझा जाते हैं,
    चाचा हर गाँठ को प्यार से खींच जाते हैं।
  66. हर दुआ में उनका नाम शामिल है,
    चाचा से मेरा रिश्ता क़ाबिल-ए-तारीफ़ है।
  67. घर के छोटे-बड़े सबके हमराज़,
    चाचा की गोद में मिलता है सुकून आज।
  68. दूर हों तो भी एहसास पास रहे,
    चाचा का साया यूँ ही ख़ास रहे।
  69. इज़्ज़त का मतलब उन्होंने सिखाया,
    चाचा ने हर रिश्ते का मान बढ़ाया।
  70. मेरे गिरने से पहले पकड़ना जानते,
    चाचा हमारी धड़कनें पहचानते।
  71. ख़्वाबों की फ़सल में पानी वो बनें,
    चाचा बने उम्मीदें, आस्मां छू लें।
  72. दिल के सच्चे, नीयत के साफ़,
    चाचा के बिना अधूरा है गांव-शहर का लफ़्ज़।
  73. छोटे-छोटे पलों को बड़ा बना दें,
    चाचा मुस्कान से जादू रचा दें।
  74. जब भी दुनिया रूठे, वो मन जाएँ,
    चाचा के आगे मेरे ग़म शरमाएँ।
  75. अपनापन उनका हरदम नए जैसा,
    चाचा का स्नेह लगे माँ-पिता जैसा।
  76. मेरे अच्छे-बुरे में जो साथ खड़े,
    चाचा के होने से डर सब हटे।
  77. दूरियों में भी जो दिलों को जोड़े,
    चाचा के शब्द रिश्तों को मोड़े।
  78. मेरी जीत में सबसे प्यारी ताली,
    चाचा जी की आँखों में खुशी निराली।
  79. जिंदगी की किताब में उनका अध्याय,
    चाचा ने सिखाया हौसले का साय।
  80. सादगी में ही असली शोभा पाते,
    चाचा हर दिल में घर बना जाते।
  81. जब खुद पर भी भरोसा कम हो जाए,
    चाचा का विश्वास हमें थाम ले जाए।
  82. उनकी परछाईं में ठंडी छांव मिले,
    चाचा के संग हर मुश्किल टलें।
  83. रात अँधेरी हो, पर राह खोएँ,
    चाचा के शब्द दीपक बन रोएँ।
  84. दिल का जो हाल है, वो जान लें,
    चाचा बिना बोले सब पहचान लें।
  85. हर छोटी ख़ुशी को बड़ा बना देना,
    चाचा का हुनर है दिल को मना लेना।
  86. रूठे लम्हों को वो हँसी दे दें,
    चाचा पलकों पर दुआएँ सेरे दें।
  87. गिरते मन को थामकर ऊँचा उठाएँ,
    चाचा के संग सपने उड़ते जाएँ।
  88. मेरी दुनिया के सबसे प्यारे इंसान,
    चाचा, आप से ही है मेरा सम्मान।
  89. कभी थाम लें, कभी छोड़ भी दें,
    चाचा भरोसा करना सिखा दें।
  90. मेरे आज का आधार, कल का उजाला,
    चाचा के संग हर सफर निराला।
  91. उनकी सीख में मधुर अनुशासन है,
    चाचा के शब्दों में स्नेह का वचन है।
  92. दिल की अदालत में जो हैं गवाह,
    चाचा का प्यार है सबसे चाहे।
  93. हर मौसम में जो दें सुरक्षा की ढाल,
    चाचा हैं मेरे जीवन का कमाल।
  94. अल्फ़ाज़ कम पड़ें, एहसास कम हो,
    चाचा का साया यूँ ही हरदम हो।
  95. मेरे हर कदम पर जो दुआ करें,
    चाचा के संग मंज़िलें रौशन रहें।
  96. जब भी गिरूँ, ‘उठो’ वो कहते हैं,
    चाचा मेरे अंदर का सूरज जगा देते हैं।
  97. रिश्तों की बगिया के माली वो बनें,
    चाचा की मेहनत से खुशियाँ खिलें।
  98. सच की राह पर बेख़ौफ़ चलना,
    चाचा ने सिखाया है सिर ऊँचा रखना।
  99. मेरी हँसी के पीछे उनकी कोशिशें,
    चाचा की वजह से मिटती उदासियाँ।
  100. जब भी जीतूँ, सबसे पहले नज़र ढूँढे,
    चाचा की आँखें जो आशीष से झूमें।


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