ताज़ा शायरी – मौलिक

ताज़ा शायरी – मौलिक, कॉपीराइट-फ्री (Blogger के लिए HTML)

ताज़ा शायरी – मौलिक, कॉपीराइट-फ्री (Blogger के लिए HTML)

प्रकाशित: 14 August 2025 • लेखक: आप (कॉपीराइट-फ्री / CC0)
टैग: दिल
तुम्हारी याद ने जो दीप जलाए रात भर, नींद आई भी तो ख़्वाबों में थे तुम बार-बार।
# 01 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: मोहब्बत
तेरे आने से रूह को पंख मिल गए, वरना साँसों के सफ़र में धूल ही धूल थी।
# 02 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: याद
दीवार-ए-वक़्त पर नाम तुम्हारा लिख दिया, बरसात आई तो दिल ने उसे फिर पढ़ लिया।
# 03 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: तन्हाई
भीड़ में हूँ मगर आवाज़ बस मेरी है, तुम थे तो शहर था, अब तो सन्नाटा ही है।
# 04 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: वफ़ा
नक़्श पाँव का तेरी राह में रहने दिया, ताकि लौट के कभी आए तो पहचान लो।
# 05 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: ख़्वाब
मैंने चाँद से कहा, तेरी खबर लाए कोई, वो मुस्कुरा के बोला—खिड़कियाँ खुली रखो।
# 06 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: इश्क़
तुम्हारी आँख का काजल भी मेरे हक़ में बोले, कलम से पहले दिल ने इकरार लिख दिया।
# 07 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: सफ़र
रास्ते पूछते हैं मंज़िलें किस तरफ़ जाएँ, तेरा हाँ कह देना नक़्शा बदल देता है।
# 08 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: क़िस्मत
जो पतंग-सा था दिल, आसमाँ तक जा पहुँचा, तेरी उँगलियों ने जब डोर थाम ली।
# 09 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: बारिश
बूँदें गिरें तो लगे जैसे दुआ होती हो, तेरा नाम लिए हैं बादल भी झुके-झुके।
# 10 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: चाँद
चाँद ने आईना देखा तो शरम-सा आया, तेरे चेहरे की तरह लगने लगा आज रात।
# 11 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: रात
रात भर रोशनी रखी तेरी यादों ने, सुबह हुई तो मेरे कमरे में तारा निकला।
# 12 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: उम्मीद
रेत पर भी कश्ती उतार दी मैंने, तुमने बस इतना कहा—किनारा होगा।
# 13 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: दर्द
जो तीर लगना था, वो फूल बन के लगा, तुम मुस्कुराए तो ज़ख्म भी महक उठा।
# 14 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: ग़ज़ल
हर शेर में तेरा ही असर उतर आया, काग़ज़ सूना था, तेरा नाम लिख गया।
# 15 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: सवेरा
सूरज उगा तो रंग बदला मेरी खिड़की का, तुम्हारा ख़त भी सुनहरी दिखाई दिया।
# 16 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: रूह
धड़कनों ने अज़ान दी तेरे आने की, मेरी रूह ने नमाज़-ए-शुक्र अदा कर दी।
# 17 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: वक़्त
घड़ी रुक जाए तो रुक जाए जहाना़ मेरा, तेरे संग बैठकर बातें मुकम्मल हों।
# 18 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: चाय
एक कप चाय में तुमको घोल कर पी लिया, अब हर क़तरा मेरी रगों में मोहब्बत है।
# 19 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: इक़रार
सादगी में जो लिपटा है तेरा सारा अदब, मैंने उस लम्हे को उम्र भर मान लिया।
# 20 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: रूहानी
तुम्हारे साथ चलूँ तो रास्ते बोलेंगे, ख़ामोशी भी मेरे लिए तराना होगी।
# 21 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: ख़त
ख़त में मैंने जो बिंदियाँ लगाईं थीं, हर नुक्ते पर तेरी याद ठहर जाती है।
# 22 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: दुआ
मेरी हथेली पे किस्मत की लकीरें कम थीं, तुमने दुआ में जो थामा, मुकम्मल हो गईं।
# 23 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)
टैग: मंज़िल
मैंने मंज़िल से कहा, ठहर ज़रा दूर तक, मेरे हमसफ़र के क़दमों की आहट आए।
# 24 मौलिक रचना • मुक्त प्रयोग (CC0)

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