Shayari Collection in Hindi – मोहब्बत, दर्द, दोस्ती, ज़िंदगी और इंसानियत शायरी

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  Shayari Collection in Hindi – मोहब्बत , दर्द , दोस्ती , ज़िंदगी और इंसानियत शायरी ❤ ️ मोहब्बत / इश्क़ शायरी तेरी आँखों में जो देखा , वही दुनिया बन गई , तेरे होंठों की मुस्कान , मेरी चाहत बन गई। मोहब्बत का असर देख , ये दिल खुद कह उठा , तेरे बिना ज़िन्दगी मेरी अधूरी बन गई। 💔 दर्द / जुदाई शायरी वो चला गया हमें तन्हा छोड़कर , दिल के ज़ख्मों को अधूरा छोड़कर। हमने चाहा था बस उसका साथ उम्र भर , वो रुक ना सका कुछ पल भी जोड़कर।   यहाँ पढ़े : -https://www.theshayariworldofficial.in/2025/09/vasant-panchami-saraswati-puja.html 😊 दोस्ती शायरी दोस्ती की कोई मज़िल नहीं होती , ये तो हर सफ़र में हासिल होती। सच्चे दोस्त वही कहलाते हैं , जिनकी याद से ही मुश्किल आसान होती।   🌙 ज़िंदगी / प्रेरणा शायरी   ज़िंदगी एक किताब है , हर दिन नया पन्ना है , हर ग़म के बाद छुपा हुआ सुख का गहना है। हार कर बैठो मत , कोशिशों को बढ़ाते रहो , अंधेरे के बाद ही सूरज का सपना है।   यहाँ पढ़े : https://www.theshayariworldofficial.in/2025/09/insa...

भगवान वाला सायरी

भगवान वाली शायरी in Hindi | The Shayari World Official

भगवान वाली शायरी (Bhagwan Wali Shayari in Hindi)

The Shayari World Official

नोट: यह संग्रह मौलिक, यूनिक और कॉपीराइट-फ्री है — आप इसे अपने ब्लॉग/व्लॉग में निःसंकोच उपयोग कर सकते हैं। नीचे 250 पंक्तियाँ दी गई हैं जो भक्ति, विश्वास और सकारात्मकता से प्रेरित हैं।

श्रेणियाँ: भक्ति, प्रभु-प्रेम, शिव, राम, कृष्ण, माँ दुर्गा, साईं, गुरुनानक, अल्लाह, ईश्वर, आस्था, सकारात्मकता

🙏 250 भक्ति पंक्तियाँ (God Shayari Lines)

  1. ईश्वर की राह पर चलो, राह खुद रोशन हो जाएगी।
  2. मन शांत हो तो ईश्वर की आहट साफ़ सुनाई देती है।
  3. प्रभु का नाम जीवन की सबसे मीठी धुन है।
  4. भक्ति वो दीपक है जो आँधियों में भी जलता है।
  5. जहाँ विश्वास है, वहाँ चमत्कार है।
  6. दुआ से पहले नीयत, नीयत से पहले श्रद्धा।
  7. ईश्वर देर से देता है, पर देता सबसे बेहतर है।
  8. जो भगवान को याद रखे, उसे कोई कमी नहीं सताती।
  9. कर्म पूजा है, और पूजा ही परम सुख।
  10. आस्था हो तो पत्थर भी पार लगाते हैं।
  11. राम का नाम, हर काम आसान।
  12. कृष्ण की बाँसुरी, मन के शोर को मौन करती है।
  13. शिव की ताण्डव लय में संसार का रहस्य है।
  14. माँ दुर्गा की कृपा से भय भाग जाता है।
  15. साईं के दर पर सब मनोकामनाएँ सुन ली जाती हैं।
  16. गुरु की छाया में जीवन का सच मिलता है।
  17. अल्लाह की रहमत से सूना दिल भी खिल उठता है।
  18. वाहेगुरु का नाम, हौंसला बन जाता है।
  19. ईसा मसीह का प्रेम, क्षमा का पाठ सिखाता है।
  20. बुद्ध की वाणी, शांति का सेतु है।
  21. प्रभु के आगे झुके माथे को हार नहीं मिलती।
  22. जपे जाने वाले नाम में अनगिनत ताक़तें बसती हैं।
  23. भक्ति का सागर जितना गहरा, उतनी उजली लहर।
  24. ईश्वर की लीला समझ आए, तब अहंकार मिट जाए।
  25. मंत्र कम, मन सच्चा — यही सच्ची आराधना।
  26. प्रसाद में मिठास, प्रसन्नता का संदेश।
  27. घंटियों की ध्वनि, मन के मैल को धो देती है।
  28. दीया छोटा हो सकता है, पर अँधेरा बड़ा नहीं रहता।
  29. भक्त का आँसू, प्रभु की पूजा का गंगाजल है।
  30. जहाँ नम्रता है, वहाँ भगवान का वास है।
  31. हर सुबह आरती, हर शाम कृतज्ञता।
  32. सच्चे कर्म, सच्ची पूजा।
  33. विपत्ति में स्मरण, समृद्धि में धन्यवाद।
  34. ईश्वर की मर्ज़ी में ही सच्ची मस्ती है।
  35. निराशा के रेगिस्तान में भक्ति नखलिस्तान है।
  36. प्रभु के नाम से कठिनाइयाँ पिघल जाती हैं।
  37. माँ के चरणों में ईश्वर का एहसास मिल जाता है।
  38. हर धड़कन में एक छुपा हुआ मंत्र है।
  39. कर्मयोग ही भगवद्गीता का निचोड़ है।
  40. कर्म कर, फल प्रभु पर छोड़।
  41. भक्ति बिना ज्ञान अधूरा, ज्ञान बिना भक्ति सूना।
  42. हर रोटी में प्रभु का प्रसाद बाँटो।
  43. दुख तकलीफ़ नहीं, ईश्वर की सीख है।
  44. शरण में आओ, शांति पाओ।
  45. हर नाम में भगवान, हर काम में भगवान।
  46. सांस-सांस में स्मरण, यही सच्चा ध्यान।
  47. स्वरगों से मीठा है, ईश्वर में भरोसा।
  48. तेरा सहारा प्रभु, मेरा किनारा प्रभु।
  49. अहम छोड़ो, परम को जोड़ो।
  50. ईश्वर को पाने का सबसे आसान रास्ता: सेवा।
  51. भक्ति का वृक्ष, धैर्य की मिट्टी में पनपता है।
  52. मन के मंदिर को स्वच्छ रखो।
  53. जब ईश्वर साथ, तो कौन विरुद्ध।
  54. कृपा बरसे तो कर्म भी खिल उठते हैं।
  55. नाम स्मरण, मन का विमल करण।
  56. पैर मंदिर न पहुँचें, मन पहुँचे — वही काफी।
  57. भक्ति में बँधे दिल बिखरते नहीं।
  58. ज्योत जले तो भय हटे।
  59. करुणा ही ईश्वर का दूसरा नाम।
  60. हर चेहरा ईश्वर का दर्पण है।
  61. श्रद्धा से बड़ा कोई आभूषण नहीं।
  62. भक्ति के आँसू, मोती बन जाते हैं।
  63. सच्चाई का साथ, भगवान का हाथ।
  64. तू दे दरियादिली, वो दे देगा मंज़िल।
  65. वही काबा, वही काशी — प्रेम जहाँ हो।
  66. मौन में भी प्रभु का संदेश गूँजता है।
  67. रहमत बरसी, जब नीयत तरसी।
  68. कर्म ही पूजा, पूजा ही शांति।
  69. जो बाँटता है, वही पाता है।
  70. न्यौछावर कर दे चिंता, विश्वास उठा लेगा।
  71. संगत अच्छी हो, तो संग्राम भी सरल हो।
  72. जितना झुकोगे, उतना ऊपर उठोगे।
  73. भक्ति की धुन पर जीवन नाचे।
  74. हर संकट में प्रभु के संकेत होते हैं।
  75. कर्म-पथ पर चलो, ईश्वर-पथ दिखेगा।
  76. तुम भरोसा रखो, वो व्यवस्था करेगा।
  77. हर दुख में छुपा है दैवीय उद्देश्य।
  78. ना मैं, ना मेरा — सब तेरा।
  79. संयम ही साधना का शृंगार।
  80. प्रेम से बढ़कर कोई तीर्थ नहीं।
  81. जप-तप से पहले मानव-सेवा।
  82. हौसले को हर रोज़ प्रसाद दो।
  83. भक्ति की राह पर थकान भी विश्राम बनती है।
  84. द्वार वही खोलो, जहाँ दुआएँ मिलें।
  85. ईश्वर के हिसाब में देरी है, अंधेरी नहीं।
  86. हर हार में उसकी जीत का बीज होता है।
  87. तेरा साथ है तो राहें आसान हैं।
  88. जब मन डगमगाए, नाम थाम ले।
  89. कर्म की नाव, कृपा की धार।
  90. नज़र झुकी रहे, नसीब उठते रहें।
  91. अभिमान हटाओ, भगवान पाओ।
  92. सांसें गिनना छोड़ो, अवसर गिनो जो वो देता है।
  93. जो मिला, कृपा; जो नहीं मिला, शिक्षा।
  94. भरोसे का दीपक कभी बुझता नहीं।
  95. जो सच्चा साधक है, वही सच्चा विजेता है।
  96. हर कल्याण का सूत्र, करुणा।
  97. आँसू रुके नहीं, तो आशीष बन गए।
  98. विपदा परीक्षा है, दण्ड नहीं।
  99. जहाँ प्रेम, वहीं परमात्मा।
  100. श्रद्धा का आकाश, संदेह की धरती से ऊँचा।
  101. जो जैसा बोए, वैसी दैवीय फसल।
  102. दूसरों की पीड़ा समझना ही पूजा।
  103. कर्मठ बनो, भाग्य खुद झुकेगा।
  104. हर सुबह नया प्रसाद, नई शुरुआत।
  105. माता-पिता की सेवा, परम देव-सेवा।
  106. सुख बाँटो, दुःख घटे।
  107. सच्ची आराधना: धन्यवाद कहना।
  108. माफी माँगो, मन निर्मल होगा।
  109. धैर्य रखो, दिशा दिखेगी।
  110. मंज़िल से पहले मंज़िल का मालिक याद।
  111. जो रचयिता है, उसी पर भरोसा है।
  112. राग नहीं, अनुराग चाहिए।
  113. ईश्वर का घर दूर नहीं, भीतर है।
  114. शांति, शक्ति, समर्पण — तीन स्तंभ।
  115. भक्ति की भाषा, दिल की मातृभाषा।
  116. सच्चा उपवास: बुरे विचारों से दूर रहना।
  117. कामना कम करो, कृतज्ञता बढ़ाओ।
  118. अधिक बोलने से बेहतर है अधिक जप।
  119. कर्म से ही कंचन बनता जीवन।
  120. जो कटु है, छोड़ दो; जो सत्व है, जोड़ लो।
  121. वह सुनता है जो मन की आवाज़ है।
  122. साहस भी उसकी देन है।
  123. हर क्षण, हर श्वास उसकी कृपा।
  124. झूठ से दूर, ईश्वर के पास।
  125. सादा जीवन, उच्च विचार — भक्ति का आधार।
  126. जो डरा नहीं, वही सच्चा भक्त।
  127. कृपा के आगे किस्मत भी झुकती है।
  128. रात लंबी हो तो जप लंबा कर लो।
  129. भक्ति का अमृत, चिंता का विष हरता है।
  130. धूप-छाँव में भी नाम की छाया।
  131. प्रेम का दीप, नफ़रत की आँधी से ऊँचा।
  132. हर द्वेष का अंत, दया से।
  133. भजन में खो जाओ, भ्रम छूट जाएगा।
  134. माथे की रेखाएँ, करुणा से सम हो जाती हैं।
  135. तू साथ तो मैं भी साधक।
  136. वह रखवाला, मैं राह वाला।
  137. रेशमी राह नहीं, दृढ़ विश्वास चाहिए।
  138. मोक्ष की कुंजी: मोह का त्याग।
  139. आँखें बंद हों तो भी राह दिखती है।
  140. हर हर महादेव — साहस का उद्गम।
  141. जय श्री राम — मर्यादा का मंत्र।
  142. राधे राधे — प्रेम का मधुर रस।
  143. जय माता दी — शक्ति का स्रोत।
  144. साईँ राम — सादगी की सीख।
  145. वाहेगुरु — सेवा का प्रकाश।
  146. अल्लाह-ओ-अकबर — अमन की राह।
  147. ओम शांति — अंतर-शांति का स्वर।
  148. प्रभु की लीला अपरम्पार।
  149. तुम चलो, वो सँभालेगा।
  150. नियति उसकी, नियामक वही।
  151. भिक्षा नहीं, भक्ति माँगो।
  152. मुस्कान भी प्रसाद है।
  153. जो गिरा, कृपा से उठा।
  154. जो मिला, जितना मिला, पर्याप्त मिला।
  155. रोज़ थोड़ा सा बेहतर — यही साधना।
  156. वह गुरु, वह गंतव्य।
  157. शरणागत का उद्धार निश्चित।
  158. खाली हाथ गए थे, खाली हाथ जाएँगे — बीच का समय सेवा में।
  159. प्रेम का व्रत, जीवन भर।
  160. वह अनादि, अनंत, अनाम।
  161. सच्चे इरादे, सच्चे नतीजे।
  162. माया में फँसना नहीं, माया का उपयोग करना।
  163. निंदा से दूर, निवृत्ति की ओर।
  164. हर उपालम्भ का उत्तर, उपकार।
  165. जो बाटे, वह बढ़े — प्रेम भी, प्रसाद भी।
  166. आत्मा का दर्पण, ध्यान।
  167. अंतर्यामी सब जानता है।
  168. अभाव में भी आभार।
  169. लाभ से ज़्यादा लाज़ — मर्यादा।
  170. सच्ची तसल्ली, उसकी रज़ा में।
  171. हर शंका का शमन, सत्संग।
  172. कर्म की खेती, कृपा की बारिश।
  173. उम्मीद की लौ, भक्ति से दीप्त।
  174. जिसे कोई न देखे, प्रभु देखता है।
  175. अपमान सहना भी तप है।
  176. दूसरों को उठाओ, खुद ऊपर उठोगे।
  177. वह साथ, हर साँस के साथ।
  178. चर्चा कम, चर्या अधिक।
  179. हाथ जुड़े रहें, मन जुड़े रहेगा।
  180. जो टूटता है, वही जुड़ना सीखता है।
  181. दिल से पुकारो, द्वार खुलेंगे।
  182. अच्छाई की राह, ईश्वर की चाह।
  183. आलस त्यागो, आराधना जागो।
  184. स्वार्थ घटाओ, सौभाग्य बढ़ाओ।
  185. धन नहीं, धर्म चाहिए।
  186. संसार में रहो, पर संसार मन में न लाओ।
  187. अकेले हो तो नाम साथ रखो।
  188. समय की कमी नहीं, समर्पण की कमी होती है।
  189. त्याग जितना, आनंद उतना।
  190. वैराग्य में विषाद नहीं, विश्राम है।
  191. मंत्र नहीं याद? एक शब्द काफी — प्रेम।
  192. भक्ति की हवा, मन के बादल हटाती है।
  193. प्रभु-इच्छा में ही सुकून।
  194. हर दिन नई कृपा-कथा।
  195. द्वीप की तरह स्थिर रहो, तरंगें थम जाएँगी।
  196. वो देता है, जितना हम सँभाल सकें।
  197. वाणी में मधुरता, कर्म में नम्रता।
  198. सेवा से श्रेष्ठ कोई साधना नहीं।
  199. जो मिला नहीं, शायद उससे बेहतर आने वाला है।
  200. करुणा का प्रसार करो, कलह घटेगा।
  201. जब सब चुप, तब मन का नाम बोलता है।
  202. ईश्वर का भरोसा, भय का उपचार।
  203. अंतर्मन में आरती जलती रहे।
  204. माँ की ममता, प्रभु की प्रतिमा।
  205. संतोष सबसे बड़ा खज़ाना।
  206. हर श्वास, धन्यवाद।
  207. जो तेरा नहीं, उसे छोड़; जो उसका है, उसे जोड़।
  208. पाप से घृणा, पापी से नहीं — यही दिव्यता।
  209. भ्रम टूटे तो सत्य दिखे।
  210. अंधेरों को कोसो मत, दीप बनो।
  211. जो देरी लगे, उसे तैयारी समझो।
  212. दृढ़ रहो, दयालु रहो, दिव्य रहो।
  213. परहित में परमहित।
  214. सत्संग की धूल भी पुण्य है।
  215. मौन में मनन, मनन में मिलन।
  216. वो कण-कण में, मन-मन में।
  217. याद रखो: यह भी बीत जाएगा।
  218. जो तू चाहे, वही मैं चाहूँ — यही समर्पण।
  219. भक्ति का फल शांति, शांति का फल आनंद।
  220. अंतर की आवाज़, ईश्वर की ध्वनि।
  221. नम्रता से बड़ा कोई तप नहीं।
  222. रोज़ थोड़ा पढ़ो, रोज़ थोड़ा जपो, रोज़ थोड़ा बाँटो।
  223. हँसी प्रभु की सबसे प्यारी आरती है।
  224. जो जोड़े, वही प्रभु के करीब।
  225. वह पास है, बस पास आने की देर है।
  226. मन के मंदिर में द्वेष नहीं टिकता।
  227. मंज़िल का नहीं, मंज़िल के मालिक का सहारा लो।
  228. दूरियाँ मिटती हैं, जब दुआएँ मिलती हैं।
  229. धड़कनों की माला, नाम के मनके।
  230. फल की चिंता छोड़ो, फलदायक बनो।
  231. कठोर वचन त्यागो, कोमल बनो।
  232. वह दाता, हम याचक — पर प्रेम समान।
  233. मन को मोक्ष चाहिए, देह को मर्यादा।
  234. आँधी में भी अगरबत्ती की तरह सुगंधित रहो।
  235. जीवन एक यज्ञ है, आहुति बने अहंकार।
  236. हर आशीर्वाद का उत्तर — सेवा।
  237. जो रास्ता दिखे नहीं, वहाँ नाम ही दिशा है।
  238. ईश्वर की नज़र से देखो, सब अपनों जैसे लगेंगे।
  239. वह जितना ले, उससे ज़्यादा सिखा देता है।
  240. जो है, जैसे है — स्वीकारना ही शांति।
  241. उद्देश्य पावन हो, उपक्रम सफल होगा।
  242. छोटी-छोटी जीतों का श्रेय उसे।
  243. मन की मिट्टी में विश्वास बोओ।
  244. दुख बाँटो, पर हिम्मत मत बाँटो — वह बढ़ती है।
  245. प्रेम की भाषा हर देवालय में बोली जाती है।
  246. वह अदृश्य है, पर अनुभूति दृश्यमान।
  247. जो भय दे, उसे छोड़; जो भरोसा दे, उसे थाम।
  248. जीवन की नाव में दया का पतवार।
  249. रोज़ एक शुभ कर्म — यही साधना।
  250. सपनों से पहले संस्कार।
  251. शुचिता ही श्रेष्ठता।
  252. माफ़ करना, खुद को मुक्त करना है।
  253. वह सुन रहा है — बस तुम सच्चे रहो।
  254. प्रभु के लिए नहीं, प्रभु के साथ जियो।
  255. हर दिशा से वही दिशा।
  256. समस्या छोटी, समर्पण बड़ा।
  257. अनुग्रह से असंभव संभव।
  258. दूरी नहीं, दृष्टि बदलो।
  259. तुम्हारे भीतर बैठा है, खोज बाहर मत करो।
  260. जो मिला है, वही सबसे अच्छा है — अभी के लिए।
  261. खुशी माँगो, पर सबके लिए।
  262. अंत में बस प्रेम बचता है।
  263. प्रेम ही परम सत्य है।

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